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कांगड़ा में एमआरआई मशीन प्रदान करने के लिए एमओयू

पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) ने अपने कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत दिनांक 14 दिसंबर, 2021 को कांगड़ा में एक 1.5 टेस्ला एमआरआई मशीन प्रदान करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी, (सीएमओ), कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश के माध्यम से माननीय राज्यपाल, हिमाचल प्रदेश के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

एमओयू पर श्री विपिन सिंह परमार, माननीय अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश विधान सभा, श्री राजीव सैजल, माननीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री, जिमाचल प्रदेश, श्री राजेन्‍द्र गर्ग, माननीय खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता कार्य मंत्री, हिमाचल प्रदेश, श्री शांता कुमार, माननीय पूर्व मुख्य मंत्री, हिमाचल प्रदेश, श्री वी.के. सिंह, निदेशक (कार्मिक) पावरग्रिड, श्री टी.सी. सरमा, कार्यकारी निदेशक (सीएसआर), पावरग्रिड, श्री कैलाश राठौर, कार्यकारी निदेशक, उत्तरी क्षेत्र-II, पावग्रिड और हिमाचल प्रदेश सरकार तथा पावरग्रिड से अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। एमओयू पर पावरग्रिड की ओर से श्री देव कुमार, वरिष्ठ महा प्रबंधक (हिमाचल प्रदेश) तथा माननीय राज्यपाल, हिमाचल प्रदेश की ओर से डॉ. गुरदर्शन गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) द्वारा हस्ताक्षर किए गए।

पावरग्रिड एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने सीएसआर प्रयोग के माध्यम से हिमाचल प्रदेश की विभिन्न अवसंरचना गतिविधियों में सहायता प्रदान कर रहा है। इससे पहले शिमला नगर निगम को 1.98 करोड़ रु. लागत से एक ट्रक माउंटेड सीवर जेंटिंग मशीन, लिटर पिकिंग मशीन, वेक्यूम क्लीनर, और ट्रक माउंटेड कॉम्पेक्टर के साथ ट्रक माउंटेड स्वीपिंग मशीन प्रदान की गई थी। इसके अलावा, उप मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) मनाली, जिला कुल्लू को 1.31 करोड़ रु. की लागत पर एक एसपीवी माउंटेड वेक्यूम एसिस्टेड रोड स्वीपर, दो सीवर क्लीनिंग जेटिंग मशीनें प्रदान की गई थी। इसके अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश के विभिन्न भागों में 3250 सोलर एलईडी स्ट्रीट लाइट और 11.49 करोड़ रु. लागत पर 13000 ट्विन बिन डस्टबिन की आपूर्ति और स्थापना की गई। इसके साथ ही, पावरग्रिड ने लाहौल और स्पीति जिले में स्थानीय युवाओं के लिए 32 लाख रु. मूल्य से पर्वतारोहण और संबद्ध क्रियाकलापों के क्षेत्र में अवसंरचना संवर्धन और क्षमता निर्माण के ज़रिए कौशल विकास के लिए भी प्रयास किए थे। सीएसआर प्रयासों के एक भाग के रूप में हिमाचल प्रदेश राज्य में बिलासपुर जिला प्राधिकारियों को 1.06 करोड़ रु. लागत की चार मेडिकल मोबाइल यूनिट, आईजीएमसी शिमला और जिला अस्पताल चम्बा में 19 लाख रु. की लागत की दो एंबुलेंस भी प्रदान की गई।