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मुख्य सतर्कता अधिकारी

cvo

श्री धर्मेंद्र कुमार मदान

मुख्य सतर्कता अधिकारी (पावरग्रिड) भारतीय आयुध निर्माणी सेवा से (IOFS) - 1994
91-124-2571970 (O)
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श्री डी के मदान (53 वर्ष) ने इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक तथा वित्त प्रबंधन में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित 3 प्रमुख रक्षा उत्पादन इकाइयों में लगभग 21 वर्षों तक तकनीकी, प्रबंधन और व्यावसायिक अनुभव प्राप्त किया है। उनके पास आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी), रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत रक्षा उत्पादन इकाइयों में संयंत्र और मशीनरी के प्रशासन, उत्पादन, योजना, खरीद, विद्युत / इलेक्ट्रॉनिक / यांत्रिक रखरखाव संबंधी आवश्यकताओं की देखरेख का वृहत अनुभव है।

रसायन और उर्वरक मंत्रालय में निदेशक (रसायन) की भूमिका में 2017-2022 में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने रसायन और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र के नीतिगत मामलों को देखा, जो भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण विनिर्माण क्षेत्र है और इस विभाग के तहत सार्वजनिक उपक्रमों के मामले भी हैं। वे एचओसीएल, एचआईएल और एचएफएल जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में "सरकारी नामित निदेशक" भी रह चुके हैं। श्री मदान ने गणमान्य लोगों की उपस्थिति में इन्वेस्ट इंडिया, डीपीआईआईटी और फिक्की के साथ विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने में समन्वय के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये कार्यक्रम मुख्य रूप से रासायनिक/पेट्रोकेमिकल क्षेत्र के विकास के लिए निवेश और एफडीआई को सुविधाजनक बनाने और रासायनिक वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए थे। नीतिगत पहलों और वित्त वर्षों 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में की गई विभिन्न कार्रवाइयों के कारण, सभी वस्तुओं में से रसायनों और इससे संबंधित अन्य वस्तुओं का निर्यात सबसे अधिक था।

श्री मदान वर्ष 2022 में राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज (एनडीसी), नई दिल्ली से "राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीति" जैसे प्रतिष्ठित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के पूर्व छात्र हैं। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के दौरान, उन्होंने "एशिया का उदय" और "राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों और सामरिक स्वायत्तता" जैसे विषयों पर व्याख्यान दिया तथा उन्होंने एम. फिल के पाठ्यक्रम के अंश के रूप में "उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारे: भारत में रक्षा निर्माण उद्योग के लिए प्रवेश द्वार" विषय पर अपनी थीसिस रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसकी डिग्री उन्हें मद्रास विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाएगी।

उन्होंने दिनांक 28.11.2022 से मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ), पावरग्रिड के रूप में कार्यभार ग्रहण किया।