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Azadi Ka Amrit Mahotsav

400/220/132 केवी सहरसा उपकेंद्र का लोकार्पण समारोह

श्री आर. के. सिंह, माननीय केन्‍द्रीय मंत्री (विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा), द्वारा पावरग्रिड के नव निर्मित 400/220/132 के.वी. सहरसा विद्युत उपकेंद्र का राष्ट्र को समर्पण

सहरसा : आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आज दिनांक 15/04/2022 को माननीय केन्द्रीय मंत्री (विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा ), श्री आर. के. सिंह द्वारा नव निर्मित 400/220/132 के.वी. सहरसा विद्युत उप-केंद्र का राष्ट्र को समर्पण किया गया। इस उप-केंद्र का निर्माण इस उप-केंद्र का निर्माण विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की महारत्ना कंपनी पावर ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा किया गया है, जो कि टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (TBCB) मार्ग के तहत पूर्वी क्षेत्र सुदृढ़ीकरण योजना-XXI (ERSS-XXI) परियोजना का हिस्सा है।

कार्यक्रम मुख्य अतिथि श्री बिजेन्‍द्र प्रसाद यादव, माननीय ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री, बिहार की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस अवसर पर माननीय सांसद, मधेपुरा, श्री दिनेश चंद्र यादव, माननीय विधायक, महिषी श्री गुंजेशवर साह, बिहार विधान परिषद सदस्य श्री संजीव कुमार सिंह, डॉ एन. के. यादव एवं श्री अजय कुमार सिंह भी उपस्थित थे। इसके साथ ही इस अवसर पर श्री के. श्रीकांत, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, पावरग्रिड तथा राज्य सरकार एवं पावरग्रिड के वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे।

400/220/132 केवी सहरसा उप-केंद्र से पटना एवं किशनगंज ग्रिड स्टेशन के माध्यम से सहरसा, सुपौल, खगड़िया एवं बेगुसराय जिले में बिजली की आपूर्ति की जा रही है। इस परियोजना की कमिशनिंग के बाद से इन जिलो में 1400 एमवीए तक की पावर सप्लाइ की जा रही है। ₹550 करोड़ की लागत से निर्मित इस उप-केंद्र के पूरा होने से उत्तरी बिहार में बिजली की अबाधित आपूर्ति सुनिश्चित हुई है। यह उप-केंद्र राज्य की नेशनल ग्रिड से कनेक्टिविटी को भी मजबूती प्रदान कर रहा है। यह उप-केंद्र ऊर्जा प्रवाह के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है और BSPTCL के 220/132 के.वी. सहरसा, सोनबरसा, मधेपुरा, बनमनखी, सुपौल, खगड़िया, विद्युत उप-केंद्रों के जरिये इन जिलों में विद्युत संचारण का काम किया जा रहा है।

31 मार्च, 2022 की स्थिति के अनुसार, पावरग्रिड लगभग 1,72,437 सर्किट किमी ट्रांसमिशन लाइनों और लगभग 4,74,457 एमवीए की परिवर्तन क्षमता वाले 265 सब-स्टेशनों का स्वामित्व और संचालन कर रहा है। नवीनतम उपकरणों और तकनीक को अपनाने, स्वचालन तथा डिजिटल समाधानों के उन्नत उपयोग से पावरग्रिड पारेषण प्रणाली की औसत उपलब्धता 99% से ज्यादा बनाए रखने में सक्षम रहा है।