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स्वास्थ्य और सुरक्षा

स्वास्थ्य और सुरक्षा

  • पावरग्रिड, अपने विधायी और नैतिक दायित्‍वों की पहचान अपनी पारेषण लाईनों एवं उपकेद्रों के सुरक्षित अभिकल्‍प, निर्माण, प्रचालन और अनुरक्षण सुनिश्चित करने हेतु और अपने कार्मिकों और अनुबंधकारों तथा साथ ही सामान्‍य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एवं कार्य करने की स्‍वस्‍थ स्थिति के प्रावघान हेतु, रखती है।
  • व्‍यावसायिक स्‍वास्‍थ और सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली के लिए पावरग्रिड ने ओएचएसएएस 18001 के अनुकूल प्रणालियां और कार्यविधियां विकसित और लागू की हैं जिन्हें बीएसआई प्रबंधन प्रणालियों (मैनेजमेंट सिस्टेम)(BSI Management systems) द्वारा उपरोक्‍त मानक के लिए लेखापरीक्षा (आडिट) एवं प्रमाणित किया जाता है।
  • पावरग्रिड की पारेषण लाईनों और उपकेंद्रों का निर्माण, प्रचालन और अनुरक्षण भारतीय विद्युत अधिनियम, 2003 (Indian Electricity Act 2003), और उसके अंतर्गत अधिनियमों एवं साथ ही भारतीय व अंतरराष्‍ट्रीय मानकों की आवश्‍यकताओं के अनुसार किया जाता है।
  • पारेषण लाइनों में विद्युत प्रवाह करने से पहले व करने के उपरांत उपरोक्‍त विषयों का अनुपालन की जांच समय समय पर केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) (CEA), के द्वारा की गयी, की जाती है जो इस विषय की विधायी प्राधिकारी (statutory Authority) है।
  • गैर-आयनीकरण विकिरण सुरक्षा (आईसीएनआईआरपी) (Non-Ionizing Radiation Protection (ICNIRP) पर अंतरराष्‍ट्रीय आयोग International Commission द्वारा विनिर्दिष्‍ट अनुसार विद्युत एवं चुंबकीय क्षेत्रों (ईएमएफ) Electric & Magnetic Fields (EMF), के प्रभाव को सीमित करने के संबंध में आवश्‍यक दिशानिर्देशों का पावरग्रिड द्वारा अनुसरण किया जाता है।
  • आस-पास में रहने वालों, विचरण करने वालों अथवा कार्यरत लोगों एवं जीव-जंतुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पावरग्रिड अपनी पारेषण लाईनों में, जमीन, सड़कों, रेलवे लाईनों और अन्‍य आवासों का आवश्‍यक न्‍यूनतम क्लियरेंस Minimum electrical clearance, का पालन, भारतीय विद्युत नियम और विनियमों के निर्देशानुसार करती है ।
  • इसके अतिरिक्‍त, ईएचवी पारेषण टावरों पर चढ़ने से आम जनता को चेतावनी देने एवं रोकने के लिए सभी पारेषण टावरों पर एंटी-क्‍लाईबिंग उपकरण और डेंजर बोर्ड लगाए जाते हैं। 
  • मनुष्‍यों एवं उपकरणों/अधिष्‍ठापनों की सुरक्षा हेतु पावरग्रिड ने अपने टर्मिनल उपकेंद्रों के सभी ईएचवी पारेषण लाईनों में उपयुक्‍त अर्थिंग/ग्राउंडिंग के साथ जल्द असर करने वाली सुरक्षा रिलेज लगाई हैं। पारेषण लाईनों में कहीं भी किसी अर्थफॉल्‍ट होने पर आवेशित लाईन/सर्किट को तुरंत स्वयं (खुद ब खुद)( Automatic Tripping) कटना सुनिश्चित करती हैं।
  • ईएचवी उपकेंद्रों में 24 घंटे सुरक्षा और सतर्कता के साथ अपनी सीमा बाड़ लगा कर यह सुनिश्चित किया जाता है कि अनधिकृत व्‍यक्ति और सामान्‍य जनता आवेशित क्षेत्रों (Charged Areas) में प्रवेश कर अपने जीवन को खतरे में न डाले।
  • अध्‍यक्ष के रूप में सीएमडी और सदस्‍यों के रूप में कार्यकारी निदेशकों के साथ, पावरग्रिड एपेक्‍स सेफ्टी बोर्ड की स्‍थापना की गई है। यह बोर्ड आवधिक रूप से कॉरपोरेशन / निर्माण एजेंसियों के सुरक्षा कार्य की समीक्षा करता है और प्रभावकारी सुरक्षा और दुर्घटना निवारण के लिए, आवश्‍यकता अनुसार, उपयुक्‍त अतिरिक्‍त उपायों की सलाह देता है।
  • निर्माणाधीन व प्रचालन के अंतर्गत पारेषण लाईनों एवं उपकेंद्रों की सुरक्षा संवर्धन एवं दुर्घटना निवारण गतिविधियों को समन्‍वय करने एवं विभिन्‍न गतिविधियों के दौरान कंपनी की सुरक्षा एवं कार्यविधियों और अनुप्रयोज्‍य सुरक्षा आवश्‍यकताओं का उचित अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कार्यस्‍थलों को तकनीकी सहायता प्रदान हेतु कॉरपोरेट परिसम्पत्ति प्रबंधन (असेटमैंनेजमेंट) (Asset Management) विभाग के अंतर्गत एक सुरक्षा प्रकोष्‍ट (सेफ्टी सेल) की स्‍थापना की गई है।
  • प्रचालन एवं अनुरक्षण के साथ निर्माण गतिविधियों के लिए सुरक्षा दिशानिर्देश / जांच सूची तैयार की गई हैं, जिनकी आवधिक रूप से समीक्षा की जाती है और आवश्‍यकतानुसार उन्‍हें संशोधित / अद्यतन (Update) किया जाता है।
  • अपने कार्यस्‍थल पर सुरक्षा आवश्‍यकताएं सुनिश्चित करने एवं विभिन्‍न विधायी आवश्‍यकताएं पूरी करने और दुर्घटना के कारण पीडि़तों के कानूनी उत्‍तराधिकारियों को मुआवजे के भुगतान के लिए निर्माण एजेंसियों को उत्तरदायी बनाने हेतु सम्विदात्मक दस्‍तावेजों (Contractual documents)में उपयुक्‍त प्रावधान किए गए हैं।
  • बोलीकर्ताओं (Bidders)/ निर्माण एजेंसियों को कार्य की सुरक्षित पद्धतियां और कार्य करने के लिए सुरक्षित स्थितियां प्रदान करके उनके द्वारा कार्यान्वित की जाने वाली पारेषण परियोजनाओं के निर्माण के दौरान सुरक्षा आवश्‍यकताओं को गंभीरता से लागू करने के लिए उन्हें जागरूक बनाने के लिए, सभी बोलीकर्ताओं द्वारा एक ‘’सुरक्षा समझौता’’ (Safety Pact) प्रस्‍तुत किया जाना आवश्‍यक है, जिसके बिना उनकी बोलियां (Bids) अवैध (Invalid) समझी जाती हैं और निरस्‍त कर दी जाती हैं।
  • विभिन्‍न सुरक्षा आवश्‍यकताओं और दुर्घटना निवारण उपायों की निगरानी करने के लिए एवं खतरनाक परिस्थितियों / गतिविधियों की पहचान करने के लिए निर्माण स्‍थलों में स्‍थल निगरानी निरीक्षणों का संचालन किया जाता है और संबंधित निर्माण एजेंसियों को उन्‍हें सुधारने के लिए अधिसूचित किया जाता है।
  • घटनाओं / दुर्घटनाओं की सूचना देने व जांच और विश्‍लेषण करने के लिए एक विस्‍तृत कार्यविधि बनाई गई है। घटनाओं / दुर्घटनाओं के मूल कारणों का पता लगाया जाता है और ऐसी दुर्घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए कमेटी द्वारा निवार‍क उपायों की सिफारिश की जाती है।
  • प्र.एवं अनु./ निर्माण / सुरक्षा / प्रथम चिकित्‍सा / अग्नि शमन (Fire Fighting) / निजी सुरक्षा उपकरणों(PPE), आदि, के सभी क्षेत्रों मे समय समय पर आवधिक रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रमों / जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जाता है, जिनमें इंजीनियरों, सुपरवाईजरों एवं तकनीशियनों को पुनश्‍चर्या (रिफ्रेषर) प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
  • एहतियाती उपायों (precautionary measures) और कार्यदलों (गेंग) द्वारा सुरक्षित रूप से कार्य करने की आवश्‍यकता पर पुन: जोर (re-emphasize) देने के लिए निर्माण कार्य-स्‍थलों पर सुरक्षा के बारे में जानकारी देने के टूल बॉक्‍स बैठकों (Tool Box Meetings) / संक्षिप्त कार्यक्रमों (Safety briefings) का संचालन किया जाता है।